स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में आप अपनी कुंडली से जान सकते हैं ! हर व्यक्ति की कुंडली में कुछ संकेत दिए गए हैं जो यह बताते हैं कि किसी व्यक्ति को सेहत से जुड़ी परेशानी होगी कि नहीं। इसी प्रकार कुछ ग्रहों के संयोजन है जो जातक को होने वाली बीमारियों का भी संकेत दे सकता है। इसकी अनदेखी के बजाय आपको और भी ज्यादा सतर्कता से निर्णय लेना चाहिए। सेहत हमेशा से हर व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए। जैसे चिकित्सकों के पास हर बीमारी को ठीक करने के लिए अलग अलग उपकरण होते हैं, उसी प्रकार ज्योतिष में भी कुछ उपकरण है जो सामान्य स्वास्थ्य मामलों और विशिष्ट रोगों के लक्षणों का पता लगा सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह का संबंध व्यक्ति के किसी न किसी अंग से है और इन ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
ग्रह | संबंधित अंग व पीड़ा |
सूर्य | ह्रदय, पेट, पित्त, दायीं आँख, घाव, जलने का घाव, गिरना, रक्त प्रवाह में बाधा |
चंद्रमा | शरीर के तरल पदार्थ, रक्त, बायीं आँख, छाती, दिमागी परेशानी, महिलाओं में मासिक चक्र की अनिमियतता |
मंगल | सिर, जानवरों द्वारा काटना, दुर्घटना, जलना, घाव, शल्य क्रिया, आपरेशन, उच्च रक्तचाप, गर्भपात |
बुध | गले, नाक, कान, फेफड़े, आवाज़, बुरे सपनों का आना |
गुरु | यकृत, शरीर में चर्बी, मधुमेह, कान |
शुक्र | मूत्र में जलन, गुप्त रोग, आँख, आँतें, अपेंडिक्स, मूत्राशय में पथरी |
शनि | पांव, पंजे की नसे, लसीका तंत्र, लकवा, उदासी, थकान |
राहु | हड्डियाँ, ज़हर , सर्प दंश, बीमारियाँ, डर |
केतु | हकलाना, पहचानने में दिक्कत, आँत, परजीवी |
आपकी जन्म कुंडली में कुछ ग्रह और भाव होते हैं जो रोगों और चिकित्सा मामलों के बारे में बताते हैं। इसी प्रकार विभिन्न विशिष्ट बीमारियों के सह-संबंधित लक्षणों का पता आपकी कुंडली के आकलन से लगाया जा सकता है।
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